जमीन की रजिस्ट्री कैसे होती है :- जैसा की आपको मालूम होगा कि कोई भी व्यक्ति घर लेता है तो वह अपनी जीवन की महत्वपुर्ण कमाई को निवेश करता है। एक व्यक्ति के घर/जमीन खरीदने के पीछे अलग-अलग कारण हो सकते हैं। कोई जमीन घर बनाने के लिए लेता है, तो कोई व्यापार करने के लिए जमीन लेता है। लेकिन अब सवाल यह उतपन होता है कि किसी भी घर/जमीन को वैध तरीके से अपने नाम कैसे कराये?
Property Registration Full Process
बतादें कि इसके लिए इंसान को ख़रीदे हुए घर/जमीन की रजिस्ट्री करवानी पड़ती है। जिस के लिए भारत के हर राज्य में अलग अलग नियम कायदे हैं। हालांकि अधिकतर शहरों में यह नियम एक जैसे होते हैं। आज के इस लेख में हम आपको घर/जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाये के बारे में पूर्ण जानकारी प्रधान कर रहे है।
जमीन रजिस्ट्री क्या होती है?
घर/जमीन रजिस्ट्री भारत में एक क़ानूनी प्रोसेस है जिसकी सहायता से लैंड का खरीदार, खरीदी हुई जमीन के पहले मालिक का दस्तावेजों से नाम हटाकर अपने नाम दर्ज करवाता है और स्थाई तौर पर उस जमीन का हकदार कहलाता है। जिसे वह खरीद कर अपने किसी भी कार्य के लिए उपयोग कर सकता है।
जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाएं?
1. जमीन की वैल्यू निर्धारित करें- सबसे पहले आप जो जमीन खरीदने की सोच रहे है उसकी की मार्किट वैल्यू कितनी है ये सुनिश्चित कर लें और यह भी पता कर लें की उस क्षेत्र में जमीन की सरकारी कीमत कितनी है? इसके पश्चात आप को कागजी दस्तावेजों (स्टैम्प ड्यूटी पेपर) की जरूरत पड़ती है।
2. स्टैम्प ड्यूटी पेपर बनवायें-
बतादें कि यह स्टैम्प ड्यूटी पेपर एक तरह का जमीन के मालिक के लिए सबूत होता है। यह पेपर जमीन के खरीदार को खरीदने होते हैं। आप इन कागजातों को ऑनलाइन stemp.com या www.shcilestamp.com आदि अन्य वेबसाइट पर जाकर भी खरीद सकते हैं।
3. जमीन खरीदने और बेचने से संबंधित कागज- आपको अदालत में जाकर वकील से एक ऐसा कागज बनवाना होगा जिसमें जमीन का विक्रेता यह लिखेगा की मैंने पूर्णरूप से यह जमीन इस व्यक्ति के नाम कर रहा हूँ और साथ ही अन्य औपचारिक बाते भी लिखनी होती है। विक्रेता की ओर से लिखी गई हर बात को एक बार अच्छे से जरूर पढ़े।
4. सब रजिस्ट्रार करेगा रजिस्ट्री- आपको जमीन बेचने से जुड़े सभी दस्तावेजों को लेकर रजिस्ट्रार ऑफिस में जाना होगा। इस दौरान दोनों व्यक्तियों (जमीन बेचने वाले और खरीदने वाले व्यक्ति) को मौजूद होना पड़ता है। साथ ही में दो अन्य व्यक्तियों को भी उस समय पर पेश होना होता है।
क्योंकि वह उस समय एक गवाह के रूप में अपनी भूमिका निभाते हैं। इन दोनों गवाहों के पास सरकारी पहचान पत्रों का होना जरुरी होता है। रजिस्ट्रार के पास सभी कागजों को जमा करने के बाद वह आप को पुष्टि के आधार पर एक रिसिप्ट देता है। इसे आपको भविष्य के लिए संभाले रखना होता है।
5. अब रजिस्ट्री को प्राप्त करें-
आखिर में सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच पड़ताल की जाएगी और रजिस्ट्रार की ओर से यह निर्णय लिया जायेगा कि जमीन खरीदने के लिए आप स्थाई रूप से सही हकदार बन चुके हैं। इसके बाद आप कुछ दिनों में अपनी जमीन से जुड़ी रजिस्ट्री रजिस्ट्रार ऑफिस से हासिल कर सकते हैं और अब जमीन आप के नाम हो चुकी है।
रजिस्ट्री से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज-
पहचान पत्र
खाता प्रमाण पत्र
नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट
जनरल पावर ऑफ़ अटार्नी
अलॉटमेंट लैटर
प्रॉपर्टी टैक्स से जुड़ी लेटेस्ट रसीदें
बैनामा
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